भाजपा में पीढ़ियों से चली आ रही वंशवाद की परम्परा

कैलाश विजयवर्गीय बताये आकाश किसका वंश ?- संजय पुन्हार

छिन्दवाड़ा:- अमन व शांति का टापू कहे जाने वाले छिन्दवाड़ा को एक बार फिर भाजपा राजनीति का अखाड़ा बनाने पर उतारू हो चुकी है। राजनीतिक फिज़ा बिगाड़ने में जुटे भाजपा के आयातित नेता छिन्दवाड़ा आकर वंशवाद का दुखड़ा रोते नहीं थकते या यूं कहें कि उनका रोना-धोना, विलाप थमता ही नहीं। किन्तु वे स्वयं अपने गिरेबां में झांककर नहीं देखते कि उनका बीता हुआ कल और वर्तमान किस तरह से सना हुआ है। वह अपने दामन पर लगे दाग मिटाने के लिये अपनी बयानों से जनता को भ्रमित करने का प्रयास करते हैं, किन्तु कैलाश बाबू यह नहीं जानते कि यह छिन्दवाड़ा की जागरूक जनता है सब जानती है।
शहरी विकास एवं आवास मंत्री के वंशवाद वाले बयान पर कड़ा प्रहार करते हुये ज़िला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने कहा कि कैलाश विजयवर्गी जी बतायें आकाश किसका वंश है? जिन्होंने सत्ता के मद में चूर होकर प्रशासनिक अधिकारी को सरेबाजार बैट से पीटा था और जेल की हवा भी खाकर लौटे थे। इंदौर में पिता-पुत्र ने मिलकर जाने कितने भाजपाइयों का राजनीतिक इतिहास और वर्तमान दोनों समाप्त कर दिया और ये छिन्दवाड़ा आकर वंशवाद का पाठ पढ़ा रहे हैं। भाजपा और उनके नेता नीति और नियत की बात ना करें, क्योंकि पश्चिम बंगाल में भाजपा का प्रभारी रहते हुये कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ कई धाराओं में अपराध पंजीबद्ध हुआ था उन्होंने इस प्रकरण की जानकारी को छिपा रखा था जिसका खुलासा विधानसभा चुनाव के दौरान हुआ था। यह तो रहा कैलाश विजयवर्गीय का वंशवाद और वंश फैलाने से जुड़ा मामला। पूरे भाजपा में वर्षों से वंशवाद की जड़ें फैल रही है वह किस इसे भी समझना आवश्यक है, क्योंकि इस वंशवाद का हिस्सा छिन्दवाड़ा लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी भी है।

भाजपा का वंशवाद:-
अपनी जारी प्रेस विज्ञप्ति में जिला पंचायत अध्यक्ष श्री पुन्हार ने कहा कि देवेंद्र फड़नवीस-गंगाधरपंत फड़नवीस, अभिषेक सिंह-रमन सिंह, पंकज सिंह-राजनाथ सिंह, दुष्यंत सिंह-वसुंधरा राजे-यशोधरा राजे (विजया राजे सिंधिया), आकाश विजयवर्गीय-कैलाश विजयवर्गीय, राहुल कस्वां-रामसिंह कस्वां, संजय टंडन-बलराम दास टंडन, प्रवेश वर्मा (साहिब सिंह वर्मा), नीना वर्मा-विक्रम वर्मा, सुरेंद्र पटवा (सुन्दरलाल पटवा), हर्ष सिंह-गोविंद नारायण सिंह, विश्वास सारंग-कैलाश नारायण सारंग, जालमसिंह पटेल-प्रह्लादसिंह पटेल, संजय पाठक-सत्येंद्र पाठक सहित अनेक नाम भाजपा में वंशवाद की मिसाल पेश कर रहे हैं।