कलेक्टर ने एक ही दिन में ठीक किए 10 शिक्षकों का ब्रेन ट्यूमर।

मध्य प्रदेश के रीवा जिले में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। रीवा जिले की कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल (आईएएस) ने सिर्फ एक दिन में 10 शिक्षकों का ब्रेन ट्यूमर ठीक कर दिया है। इन सभी शिक्षकों को लंबे समय से ब्रेन ट्यूमर था।

दअरसल कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कुछ ऐसा किया कि, ये सभी शिक्षक सबको अब बताते फिर रहे है कि उन्हें कोई ब्रेन ट्यूमर नहीं है।

शिक्षा विभाग के पोर्टल को मिसगाइड करने के लिए ऐसी डाटा एंट्री की गई थी

मामला सरप्लस टीचर्स की पोस्टिंग का है। रीवा जिले में एक ऐसा स्कूल है जिसका नाम है, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदराव जिला रीवा।
इस स्कूल में कुल 557 छात्र-छात्राएं हैं और उनको पढ़ाने के लिये 34 शिक्षक पदस्थ हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 60 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक होना चाहिए यानी इस स्कूल में 24 शिक्षक अतिशेष हैं। इनका युक्तियुक्तकरण किया जाना चाहिए। यानी किसी ऐसे स्कूलों में भी ट्रांसफर कर देना चाहिए जहां पर शिक्षकों की कमी है। मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों की स्थानांतरण नीति 2022 में प्रावधान किया गया है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।
इसी का फायदा उठाने के लिए एजुकेशन पोर्टल पर 10 शिक्षकों ने खुद को ब्रेन ट्यूमर का मरीज बता दिया। ताकि जब भी सॉफ्टवेयर के माध्यम से ट्रांसफर लिस्ट तैयार हो तो उनका नाम नहीं आए।

कलेक्टर ने एक दिन में इलाज कर दिया।

सब कुछ एजुकेशन पोर्टल के अंदर होने वाला था। कंप्यूटर वैसे भी किसी की जानकारी नहीं देता।इसलिए पिछले 10 सालो से यह बात छुपी हुई थी परंतु यह बात बाहर आ गई है। जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा गुप्ता ने इस प्रकार के बयान देना शुरू किया ताकि उनकी मंशा पर कोई सवाल ना उठे और कर्मचारियों को भी ट्रांसफर से बचाया जा सके लेकिन कलेक्टर प्रतिभा पाल ने स्पष्ट आदेश दिया कि सभी कर्मचारियों को मेडिकल बोर्ड के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यदि उन्हें ब्रेन ट्यूमर नहीं निकला, तो उनके खिलाफ डिपार्मेंटल एक्शन लिया जाएगा।

कलेक्टर का बयान आते ही, सभी शिक्षक यहां वहां अपना स्पष्टीकरण देते फिर रहे हैं।
कई शिक्षक शिक्षिकाओं का कहना है कि हमे नहीं पता हमारा नाम कैसे आ गया।
अब ये सब मीडिया के सवालों से बचते नजर आ रहे है और अपने आप को निर्दोष साबित करने में लगे है।