कैसे हुई राजनीति की शुरुआत।
1970 में छोटे से गांव रोहना कला के पंच से लेकर केबिनेट मंत्री तक का सफर।
दीपक सक्सेना ये वो नाम है जो छिंदवाड़ा की राजनीति ही नही बल्कि पूरे देश मे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सबसे करीबी और विश्वास पात्र माने जाते रहे।
उन्होने कांग्रेस से और सभी पदों से इस्तीफा देकर सबको चौका दिया।
जब कमलनाथ को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी छिंदवाड़ा लेकर आई थी तब कमलनाथ की पहली मुलाकात दीपक सक्सेना से हुई थी।
तब दीपक सक्सेना किसान नेता और रोहना कला के सरपंच हुआ करते थे।
वो पहली मुलाकात और आज का दिन छिंदवाड़ा की राजनीति में इस जोड़ी ने कई आयाम गढ़े है।
कमलनाथ को पहली बार सांसद बनाकर दिल्ली पहुचाने में अहम भूमिका निभाने वाले दीपक सक्सेना ने सन 1984 से लगातार 20 वर्षो तक जिला सहकारी बैंक समिति के अध्यक्ष रहे
उन्होंने वर्ष 1990,1993,1998,2003,2008,2013 और 2018 सात बार विधानसभा चुनाव लड़े जिसमे चार बार 1993,1998,2008 और 2018 में विधायक बने।
जब प्रदेश में दिग्विजय सिंह की सरकार थी तब दो बार पीएचई मंत्री रहे।
2018 में प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी,कमलनाथ के लिए अपनी छिंदवाड़ा विधानसभा की सीट छोड़ी और कमलनाथ को उपचुनाव जीता कर विधानसभा भेजे थे।
दीपक सक्सेना प्रोटेम स्पीकर की भूमिका भी निभा चुके है।
कुछ दिन पुर्व प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अमरवाड़ा में कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा था दीपक सक्सेना मेरा दोस्त है कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान के बाद
दीपक सक्सेना ने कांग्रेस से और सभी पदों से इस्तीफा मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा है।
दीपक सक्सेना के छोटे बेटे अजय(चुनमुन) ने सेकड़ो समर्थकों के साथ भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय में जोइनिंग कमेटी के अध्यक्ष नरोत्तम मिश्रा, मप्र के सीएम मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के समक्ष भाजपा की सदस्यता ग्रहण किये थे।
ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ के सबसे करीबी दीपक सक्सेना भी भाजपा में शामिल हो सकते है
भाजपा प्रत्याशी के नामांकन रैली में मुख्यमंत्री मोहन यादव छिंदवाड़ा पहुंचे थे वह रोहना भी गए थे, उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ,नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गी, कैबिनेट मंत्री प्रहलाद पटेल भी साथ पहुंचे थे, वहां पर दीपक सक्सेना ने मुख्यमंत्री मोहन यादव का गर्मजोशी से स्वागत किया था

वही 2 अप्रैल को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके साथ पांच कांग्रेस विधायक अचानक रोहना पहुंचे,5 मिनट की मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ रोहना से वापस लौट गए
आखिरकारदीपक सक्सेना ने भाजपा का दामन थाम ही लिया।
अब देखना ये ही दीपक सक्सेना कैसे बंटी की नैया पार लगते है।