मोक्षधाम भी नहीं है नसीब पंचायत के उदासीनता के कारण नहीं हुआ शेड का निर्माण ग्रामवासी परेशान
निर्माण कार्य पर लाखों खर्च
लेकिन मोक्षधाम,श्मशान घाट का नहीं हुआ निर्माण खुले आसमान के नीचे होता है दाह संस्कार।
रंजीत की मौत के बाद परेशान ग्रामीणो ने बारिश में तिरपाल लगाकर किया अंतिम संस्कार
परिवार और ग्रामीण होते रहे कई परेशान।
बार बार लगाना पढा़ चिता में आग , कई घंटे की मशक्कत के बाद हो पाया अंतिम संस्कार, समीपस्थ ग्राम पंचायत जमकुंडा के वाशिदो को सरकार की जन कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जमकुंडा में श्मशान घाट मोक्षधाम में शेड नहीं होने के कारण ग्रामीणो को खुले आसमान के नीचे दाह संस्कार करना पढ रहा है गत दिवस ग्राम के रंजीत पिता हजारीलाल खरे की बीमारी के कारण मौत हो गई अंतिम संस्कार करने के लिए शेड न होने के कारण बारिश की वजह से ग्रामीण एवं परिजनों ने तिरपाल लगाकर मृतक का अंतिम संस्कार पांच वर्ष की पुत्री प्रियांशी द्वारा किया गया इस दौरान लगातार होती रही,बारिश में सब भीगते नजर आये,
9 वार्डों के लिए नहीं है कोई व्यवस्था।
ग्राम पंचायत जमकुंडा मुख्य मार्ग पर स्थित है यहां पंचायत द्वारा 9 वार्डों के लिए मोक्षधाम एवं शेड की व्यवस्था नहीं है। यहां के ग्रामीणों को पंचायत भवन के पीछे दाह संस्कार किया जाता है उपसरपंच का कहना है कि अनेको बार मांग की गई लेकिन मोक्षधाम में शेड नहीं बनाया गया जिसकी वजह से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं।

भूमि का आवंटन भी नहीं
जमकुंडा पंचायत में 13 वार्ड है 4 वार्ड भाडरी में आते है और 9 वार्ड ग्राम जमकुंडा में है जिसकी आबादी लगभग 13 सौ से अधिक है उपसरपंच सहित ग्रामीण दीपक कुमरे, विजय इवनाती, मनीराम ब्रह्मवंशी,देवेन्द्र नागवंशी का कहना है कि यहाँ मोक्षधाम के लिए भूमि का आवंटन भी नहीं है। जबकि शासन द्वारा मोक्षधाम की व्यवस्था हेतु राशि आवंटित की जाती है लेकिन यहां पंचायत की लापरवाही का खामियांजा ग्रामीण भुगत रहे हैं जिसके कारण वार्डवासी एवं ग्रामीण में भारी आक्रोश है
पानी की तरह बहाते हैं रूपया मूलभूत सुविधा से कोसो दूर गांव।
पंचायत की मनमानी एवं निर्माण कार्य में पानी की तरह पैसा बहाते देखा जा सकता हैं लेकिन मूल भूत समस्याओं का समाधान नही किया जाता पंचायत के जिम्मेदार अपने स्वार्थ और आर्थिक लाभ कमाने के जुगाड में लगे रहते हैं। मनमानी अपने हितो के प्रस्ताव एवं लाभ के बिल पारित कर विकास के नाम पर पलीता लगा रहे हैं।
इस तस्वीर से पुरा क्षेत्र हुआ शर्मसार, क्या अब भी ज़िम्मेदारो का नहीं जागा जमीर।
जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण जमकुंडा पंचायत में आजादी के बाद भी अगर मोक्षधाम श्मशान घाट के लिए भूमि एवं शेड का न होना इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा जिसका नजारा वन विभाग की जमीन पर पंचायत भवन के पीछे मुख्य सड़क मार्ग के मुश्किल से 100 मीटर की दूरी पर शेड न होने के कारण ग्रामीणो के द्वारा वन विभाग की जमीन पर आस्थाई रूप से भारी बारिश में तिरपाल लगाकर मृतक रंजीत खरे का अंतिम संस्कार पांच वर्ष की पुत्री ने किया , क्या ये तस्वीर देखने के बाद पंचायत एवं शासन प्रशासन के नुमाईंदे की आत्मा को शर्मसार नही करती है।