बार्डर पर तैनात फौजी भाइयों की कलाई नही रहेगी सूनी

छिन्दवाड़ा की बहनों ने भेजे 6 हजार रक्षा सूत्र

देश की रक्षा के लिए सीमा पर तैनात जवानों की कलाई रक्षाबंधन पर्व पर अपने घर से दूर होने के कारण अक्सर सूनी रह जाती है। उनकी कलाई रक्षा के पर्व पर राखी से सूनी न रहे इसको देखते हुए शहर की बहनों द्वारा 2014 से शहीद मेजर अमित ठेंगे स्मृति समिति द्वारा देश के विभिन्न सरहदों मे देश की रक्षा मे तैनात भाईयो के लिए रक्षा सूत्र विगत 10 वर्षों से भेजे जाते रहे है, इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष भी इस समिति की बहनो द्वारा देश के विभिन्न सरहदों में तैनात फौजी भाइयों की सलामती की दुआओं के साथ 6 हजार 500 रक्षासूत्र स्पीड पोस्ट द्वारा जम्मू,श्रीनगर,आसाम,ओडिशा, उत्तराखण्ड,अरुणाचल प्रदेश,वेस्ट बंगाल, छत्तीसगढ,भोपाल, दिल्ली,बालाघाट में सी आर.पी.एफ., बी.एस.एफ. आई.टी.बी.पी., हॉक फोर्स, के जवानों के लिए भेजी गईं है। प्रतिवर्ष रक्षासूत्र स्पीड पोस्ट से ही भेजी जाती है ताकि पोस्ट की गई डाक की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक किया जा सके और निर्धारित स्थान पर डाक पहुंचने की सूचना मैसेज द्वारा प्राप्त हो सके, जिन स्थानों में रक्षासूत्र भेजी गईं थी,उन सभी स्थानों मे रक्षासूत्र प्राप्त हो चुके है, जिसकी सूचना फौजी भाइयों द्वारा समिति के संस्थापक श्री मधुकर राव ठेंगे एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता श्रीमति देवकी पदम को प्रदान की गई। अब उन्हें इंतजार है रक्षाबंधन के दिन का जिस दिन वे सभी भाई अपनी कलाइयों में समिति की बहनों की राखियां सजायेंगे। फौजी भाइयों को समिति की श्रीमति माया शर्मा, श्रीमती शेफाली शर्मा ठेंगे, श्रीमती विजेता देशपांडे, श्रीमती अंजु सक्सेना, एवं समिति की सबसे छोटी सदस्या कुमारी वंशिका सोनी ने आदि का विशेष सहयोग रहा।