40 वर्षो के इतिहास में पहली बार नामांकन रैली में नही पहुँचे कमल नाथ के सबसे विश्वासपात्र दीपक सक्सेना।
छिंदवाड़ा आज सांसद नकुलनाथ की नामांकन रैली निकाली गई।
पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना मौजूद नहीं थे।
हालांकि मंच पर उनके नाम की खाली कुर्सी जरूर नजर आई।
मंच पर नामांकन रैली में शामिल होने आए कांग्रेस पदाधिकारियों के नाम की कुर्सी रखी हुई थी जिसमे एक पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के नाम की भी कुर्सी लगाई गई थी। जो खाली नजर आई।
जहाँ नकुलनाथ की नामांकन रैली में शामिल जिले के समस्त कांग्रेसी कार्यकर्ता समेत पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ,पूर्व सांसद श्रीमती अलका नाथ,नकुलनाथ की पत्नी प्रिया नाथ प्रदेश अध्यक्ष जीतु पटवारी,नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार सहित हजरों की संख्या में कांग्रेसी मौजूद थे।
हाल ही में पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने कांग्रेस,और सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया था।
जब पुर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से कल इमलीखेड़ा हवाई पट्टी पर मीडिया ने दीपक सक्सेना को लेकर उनसे सवाल किया था तब कमल नाथ बोले कि इसका जवाब दीपक सक्सेना देंगे।
वही शाम को शिकारपुर स्थित बंगले पर दीपक सक्सेना पहुँचे थे।
काफ़ी देर तक पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ और दीपक सक्सेना के बीच बातचीत हुई।
बंगले से बाहर आकर पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना ने मीडिया से बात करते हुए बोले कि में नामांकन रैली में शामिल होऊंगा और नकुलनाथ का प्रस्तावक बनूँगा।
प्रस्तावक तो बन गये लेकिन रैली में शामिल नहीं हुए।हालांकि नामांकन पत्र में तीन और प्रस्तावक बनाये गए है जिससे पांढुर्ना विधायक नीलेश उईके, परासिया विधायक सोहन वाल्मीकि, और कांग्रेस महिला अध्यक्ष किरण चौधरी का नाम शामिल है।
बहरहाल पूर्व मंत्री की गैर मौजूदगी से राजनीतिक पारा चढ़ गया है।
