अंतिम सफऱ पर निकले भारत के “रतन”,जमशेदजी टाटा से लेकर रतन टाटा तक, जानिए सब कुछ..

भारत के रतन… मशहूर उद्योगपति रतन टाटा अंत‍िम सफर पर निकल पड़े. गुरुवार को महाराष्‍ट्र के वर्ली शमशान में उनका अंत‍िम संस्‍कार कर दिया गया. इस मौके पर तमाम मशहूर हस्‍त‍ियां, उनके चाहने वाले हजारों लोग मौजूद थे. इससे पहले एनसीपीए ग्राउंड पर रतन टाटा को नम आखों से विदाई दी गई. उनके अंतिम दर्शन को भीड़ उमड़ पड़ी. गृहमंत्री अमित शाह ने एनसीपीए ग्राउंड पहुंच कर श्रद्धांजलि दी. उनका पार्थिव शरीर तिरंगे से लिपटा था और दर्शन के लिए रखा गया था.

जमशेदजी टाटा से लेकर रतन टाटा तक, जानिए सब कुछ..

टाटा परिवार के विभिन्न लोगों ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से टाटा समूह को इस देश का सबसे प्रमुख और प्रभावशाली व्यापारिक घराना बनाया। तो आइए जानते हैं जमशेदजी टाटा से लेकर रतन टाटा तक उनके परिवार के अन्य प्रमुख सदस्यों के बारे में।

भारतीय उद्योग जगत की महान हस्ती रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में 9 अक्तूबर 2024 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वह अपने पीछे एक बड़ी विरासत छोड़ गए हैं। टाटा परिवार का देश के विकास में बड़ा योगदान है और रतन टाटा ने भी अपने फैसलों से अपने परिवार की इस महान विरासत को कायम रखा। टाटा परिवार के विभिन्न लोगों ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से टाटा समूह को इस देश का सबसे प्रमुख और प्रभावशाली व्यापारिक घराना बनाया। तो आइए जानते हैं जमशेदजी टाटा से लेकर रतन टाटा तक उनके परिवार के अन्य प्रमुख सदस्यों के बारे में।

“नुसरवानजी टाटा”
(1822-1886)
नुसरवानजी टाटा एक पारसी पुजारी थे और उन्होंने ही व्यापार जगत में कदम रख कर टाटा समूह की नींव तैयार की थी। नुसेरवानजी टाटा की शादी जीवनबाई कावासजी टाटा से हुई थी। दंपति के पांच बच्चे थे, जिनमें जमशेदजी टाटा, रतनबाई टाटा, मानेकबाई टाटा, वीरबैजी टाटा का नाम शामिल है।

“जमशेदजी टाटा”
(1839-1904)
नुसरवानजी टाटा के बेटे जमशेदजी टाटा ही टाटा समूह के संस्थापक हैं। उन्हें भारतीय उद्योग जगत का पिता भी माना जाता है क्योंकि उन्होंने ही भारत में उद्योगों को स्थापित करने की शुरुआत की थी। टाटा समूह के टाटा स्टील, टाटा होटल्स और हाइड्रोपावर बिजनेस की शुरुआत की थी। जमशेदजी टाटा की शादी हीराबाई दाबू से हुई और दोनों के तीन बच्चे हुए। जिनमें सर दोराबजी टाटा, धुनबाई टाटा और सर रतनजी टाटा शामिल थे।

“दोराबजी टाटा”
(1859-1932)
जमशेदजी टाटा के बड़े बेटे दोराबजी टाटा ने जमशेदजी टाटा के निधन के बाद टाटा समूह की कमान संभाली। टाटा स्टील और टाटा पॉवर को स्थापित करने में दोराबजी टाटा ने अहम भूमिका निभाई।

“रतनजी टाटा”
(1871-1918)
जमशेदजी टाटा के छोटे बेटे रतनजी टाटा ने टाटा समूह के विस्तार में अहम भूमिका निभाई और टाटा के कॉटन और टेक्सटाइल बिजनेस को बढ़ाने में इनकी भूमिका खास रही।

“जेआरडी टाटा”
(1904-1993)
रतनजी टाटा और फ्रांसीसी महिला सुजैन की संतान जेआरडी टाटा 50 साल से ज्यादा समय तक टाटा समूह के चेयरमैन रहे। टाटा एयरलाइंस की स्थापना जेआरडी टाटा ने ही की थी, जिसका बाद में सरकार ने अधिग्रहण कर लिया और उसे एयर इंडिया नाम दिया गया। टाटा समूह को विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार में जेआरडी टाटा की अहम भूमिका रही।

“नवल टाटा”
(1904-1989)
रतनजी टाटा ने नवल टाटा को गोद लिया था। नवल टाटा ने भी टाटा समूह में लंबे समय तक अपनी सेवाएं दी। नवल टाटा ने दो शादियां की थी। पहली शादी सूनी टाटा से और दूसरी शादी सिमोन टाटा से।

“रतन टाटा”
(1937-2024)
नवल टाटा और सूनी टाटा की दो संतानें हुईं, जिनमें रतन टाटा और जिम्मी टाटा। रतन टाटा ने 1991 से लेकर 2012 तक टाटा समूह की कमान संभाली। साल 2016 में रतन टाटा एक बार फिर टाटा समूह के अंतरिम चेयरमैन बने और 2017 तक इस पद पर रहे। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने सफलता की नईं ऊंचाइयों को छुआ। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने ओटोमोबाइल और रक्षा क्षेत्र में एंट्री की।

“नोएल टाटा”
(1957 में हुआ जन्म)
नवल टाटा की दूसरी पत्नी सिमोन से नोएल टाटा का जन्म हुआ। नोएल टाटा, रतन टाटा के चचेरे भाई हैं।