डिप्टी कलेक्टर की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखने वाली निशा बांगरे ने आज छिंदवाड़ा में पत्रकारों को अपनी व्यथा बताइ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने उन्हें पहले विधानसभा
ऑफर किया फिर लोकसभा में टिकट न देकर उनके साथ विश्वास घात किया है और एक महिला के साथ अन्याय किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मैं अभी कोई पार्टी ज्वाइन नहीं की है, लेकिन बाबा साहब के सामाजिक उत्थान के इरादों के लिए वह हमेशा काम करती रहेंगी।
निशा बांगरे 2018 बैच की एमपीपीएससी में सिलेक्ट हुई थी और उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के पद पर रहकर मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में रहकर अपनी सेवाएं दी थी।
2023 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले निशा बांगरे ने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा भाजपा सरकार को भेजा था लेकिन उनका इस्तीफा मंजूर नहीं हो पा रहा था तब उन्होंने भोपाल में एक आंदोलन भी किया था तब वह काफी सुर्खियों में आई थी उसके बाद उन्होंने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोपों भी लगाए थे।
2023 की विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें आमला विधानसभा से टिकट देंगे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली फिर उनको यह भी कहा गया कि सरकार बनने पर आपको बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी या लोकसभा की टिकट दी जाएगी लेकिन अब ना उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी गई और ना ही लोकसभा का टिकट दिया गया इससे नाराज होकर निशा बांगरे ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है और मध्य प्रदेश की चीफ सेक्रेटरी को नौकरी में वापस आने के लिए आवेदन किया है उनका कहना है कि परिवार के कहने पर मैंने नौकरी में वापस जाने के लिए आवेदन दिया है ।