भगवान श्री राम को राष्ट्रदेव का स्थान दिलाने राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन

स्वामी विवेकानंद स्मारक समिति के अध्यक्ष अंशुल शुक्ला ने दिया ज्ञापन

छिंदवाड़ा हमारे राष्ट्र भारत को एक करने के लिए और भारत के मूल्यों को जानने के लिए भगवान् श्री राम के आदर्श जीवन को जान लेना बहुत आवश्यक है , हमारे भारत की प्राचीनता भी भवान श्री राम के युग पर निर्भर करती है ,भारत के संविधान में भी भगवान् श्री राम का चित्र अंकित है l भगवान् श्री राम एक ऐसे आदर्श है जिनका अनुसरण भारत के प्रत्येक नागरिक को करना चाहिए l आने वाले समय में हमारी आगे की पीढ़ी भगवान् श्री राम को समझ सके इसलिए आवश्यक है की हम भगवान् श्री राम को अपने भारत देश में राष्ट्र देव का स्थान दें , उनमें सामाजिक समानता, सेना को प्रोत्साहित करना, शांति से लक्ष्य की ओर बढ़ना, त्याग और संयम के गुण थे। इसलिए भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम भी कहा जाता है। जीवन को सफल बनाने के लिए भगवान राम के इन गुणों से प्रेरणा ली जा सकती है। वह जिस तरह से समय और स्थिति को देखकर आगे की रणनीति बनाते थे उनसे सीख ली जा सकती है। l वर्तमान में भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अयोध्या स्थित भगवान् राम के मंदिर की प्रानप्रतिस्ठा 22 जनवरी 2024 को धार्मिक अनुष्ठान के साथ संपन्न की जाएगी , यह एक अच्छा अवसर है की भगवान् श्री राम ऐसे समय में राष्ट्रदेव कहलाएं एवं भारत में राम राज्य की जो संकल्पना है वह यथार्थ रूप में सबके सामने आसके l