जिले में लौंग एवं काली मिर्च की खेती होगी।

कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने ली कृषि संबंधित विभागों की समीक्षा बैठक।

छिंदवाड़ा कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की ने कृषि एवं सम्बध्द विभागों और फसल उपार्जन की समीक्षा बैठक ली।
बैठक में जिले के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकों के साथ ही कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, सहकारिता, कृषि अभियांत्रिकी, पशुपालन, खाद्य आपूर्ति सहित संबंधित सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे । बैठक में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र तामिया, हर्रई, अमरवाड़ा एवं जुन्नारदेव विकासखंड में नवाचार के रूप में लौंग, कालीमिर्च एवं इलायची फसल की खेती करने के लिये किसानों का चयन कर इसी वर्ष वर्षा ऋतु में रोपण कराने के निर्देश दिये हैं, जिससे जिले के आदिवासी कृषकों की आमदनी में वृध्दि की जाकर किसानों के आय के नवीन स्त्रोत सृजित किए जा सकें। विशेषकर तामिया के पातालकोट क्षेत्र में किया जायेगा, जिससे यहां के भारिया आदिवासियों को इसका लाभ मिले। लौंग, कालीमिर्च एवं इलायची के पौधे जिले के तामिया, हर्रई, अमरवाड़ा में उद्यान विभाग की रोपणियों पर भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप लगवाए जायेंगे। मसाला बोर्ड के वैज्ञानिक भारत अर्जुन ने बताया कि इनके पौधों की व्यवस्था दक्षिण भारत में स्थित मसाला बोर्ड की रोपणियों से की जायेगी। बैठक के दौरान लौंग, कालीमिर्च और इलायची के पौधे भी कलेक्टर श्री सिंह एवं अन्य अधिकारियों के अवलोकन के लिए लाए गए थे। इस संबंध में उन्होंने बैठक में उपस्थित कृषि वैज्ञानिकों से सुझाव और इन फसलों के लिए जिले में अनुकूल क्लाइमेट की उपलब्धता की जानकारी भी प्राप्त की। इसी तरह कृषकों के हित में अन्य नवाचारों की संभावना पर भी विचार विमर्श किया गया।

कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने नाडेप टांको को व्यवस्थित रूप से भरवाने के निर्देश भी दिये।
जिले में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायतों में ग्राम के हरा अवशिष्ट का प्रबंधन के लिये नाडेप टांको का निर्माण कराया गया है, वर्तमान स्थिति में इन नाडेप टांको का अवलोकन करने पर संज्ञान में आया है कि विशेष प्रायोजन के लिये निर्मित कराए गए ये नाडेप टांके क्रियाशील स्थिति में नहीं है। 
कलेक्टर शीलेन्द्र  सिंह ने निर्देश दिये हैं कि ग्राम के हरा अवशिष्ट का प्रबंधन करते हुए टांकों को भरवाया जाकर जैविक खाद तैयार की जाना एवं स्थानीय स्तर पर उपयोग किया जा सके, इसके लिये ग्राम पंचायतों में जितने नाडेप टांके बनाए गए हैं,नाडेप टांको को व्यवस्थित रूप से भरवाने के लिये निर्देशित किया है।